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- Sheela Bhatt’s Column The Reputation Of Our Aviation Sector Will Be Damaged
12 मिनट पहले
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शीला भट्ट, वरिष्ठ पत्रकार
मनुष्य को अपनी बुद्धि-क्षमता और टेक्नोलॉजी की ईजाद पर हमेशा गुरूर रहता है। लेकिन कभी-कभी यही टेक्नोलॉजी हमें असहनीय दर्द भी दे जाती है। अहमदाबाद में एअर इंडिया की फ्लाइट जिस तरह से क्रैश हुई है, वह घटना हमें विचलित कर देने वाली है। टेक्नोलॉजी की प्रगति से हमें जो आत्मविश्वास मिला है, वो ऐसे हादसों से हिल जाता है। विमान से सफर करने से पहले बोर्डिंग पास लेकर हम कितने बेफिक्र हो जाते हैं।
बोर्डिंग की सूचना की राह देखते एयरपोर्ट पर कितनी तसल्ली से टहलते हैं। हमारी टेक्नोलॉजी पर हमें कितना भरोसा है। लेकिन पल-भर में वह भरोसा छिन्न-भिन्न हो जाता है। अहमदाबाद से लंदन जा रही उस फ्लाइट में 242 यात्री सवार थे। उन्हें कहां पता था कि उनका विमान पूरी तरह टेकऑफ करने के पहले ही पक्षाघात के शिकार किसी व्यक्ति की तरह ढह जाएगा और आग की लपटों में घिर जाएगा। विजय रूपाणी, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री भी इसी फ्लाइट में बिजनेस क्लास में थे।
बताया जाता है कि फ्लाइट में बैठे एक सहयात्री ने उनकी फोटो अपने परिवार को भेजी थी। वो तस्वीर हमें सन्न कर देती है। मृत्यु के कुछ क्षण पहले की किसी व्यक्ति की तस्वीर उनकी मृत्यु के बाद हमें कितने सारे संदेश देती है? अमेरिकन बोइंग कंपनी का 787 विमान आधुनिक है। ये विमान दो दशकों से उड़ान भर रहा है। अगर एक इंजन फेल हो जाए तो दूसरे इंजन की वर्टिकल स्टैबलाइजर की उसमें सुविधा है। अचानक मौसम खराब होने पर भी ये यात्रियों की बेहतर सुरक्षा करता है।
ये विमान जब बाजार में आया तो सपनों की उड़ान माना गया था। नाम ही उसका ड्रीमलाइनर था। लेकिन अहमदाबाद में टेकऑफ के बाद वो 2 मिनट भी हवा में न रह सका। करीब 650 फीट से ऊपर नहीं जा सका।अभी इस बारे में कुछ भी कहना बहुत जल्दी होगा कि यह हादसा कैसे हुआ। हमें नहीं पता कि यह दुर्घटना पायलट की भूल के कारण हुई या ये महज एक टेक्निकल फेल्योर है। लेकिन एक बहुत गहरा सदमा इस मर्मांतक हादसे से भारतवासियों को लगा है। बोइंग 787 के साथ होने वाला ये पहला इतना घातक हादसा है।
इस हवाई जहाज के पहले बोइंग 737 भी काफी विवादों में रहा था। लेकिन इस दुघटना से अमेरिकन बोइंग कंपनी की आबरू और एअर इंडिया की प्रतिष्ठा- दोनों को क्षति पहुंची है। जिस तरह से यह घटना हुई है, वो इसे कभी भी भुला नहीं पाएंगे। ये विमान 242 यात्रियों को लेकर लंदन जा रहा था। उसकी टंकी ईंधन से भरी हुई थी। इसलिए जब विमान जमींदोज हुआ तो आग की भयानक लपटों में घिर गया।
हालत यह है कि यात्रियों की मृत देह की शिनाख्त करना भी अब बेहद मुश्किल हो गया है। डीएनए टेस्ट से अगर कुछ पता चले तो चले। मृतकों की जो तस्वीरें आई हैं, वो बता रही हैं कि जब टेक्नोलॉजी हमें गच्चा देती है तो वो कितनी घातक भी हो सकती है। एअर इंडिया का ये विमान एयरपोर्ट के बाजू में ही स्थित मेघानी नगर में जाके गिरा। यहां दलितों की एक बहुत बड़ी, पुरानी बस्ती है और एक बड़ा हॉस्पिटल कॉम्प्लेक्स है।
सचिन प्रजापति होम लोन का बिजनेस करते हैं। मेघानी नगर में ही उनका घर है। अपने चाचा राजू भाई के साथ वो अपने घर में बैठे थे। करीब 1:45 बजे अचानक एक धमाकेदार आवाज उन्होंने सुनी। वो दौड़कर बाहर आए। 200 मीटर की दूरी पर उन्होंने वह खौफनाक नजारा देखा तो अपनी आंखों पर यकीन नहीं कर पाए। मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले और पढ़ने वाले इंटर्न्स की जो हॉस्टल थी, उस पर हवाई जहाज तीन टुकड़ों में गिरा पड़ा था। अफरातफरी मची थी।
सचिन कहते हैं, विमान नहीं था आग का गोला था। वे अपने दूसरे पड़ोसियों के साथ हॉस्टल की बिल्डिंग और खाने की मेस की तरफ भागे। इंटर्न्स को बचाने में उन्होंने और उनके मित्रों ने सहायता की। अफसोस कि वे काफी लोगों को बचा न पाए। भारत में एविएशन इंडस्ट्री में उछाल आया है। बहुत सारे एयरपोर्ट नए बन रहे हैं। एअर इंडिया- जो सरकारी कंपनी थी- उसे टाटा ने खरीदा है और वह 400 से ज्यादा नए विमान खरीदने वाली है।
मुंबई, दिल्ली और अहमदाबाद के नजदीक भी नए एयरपोर्ट बन रहे हैं। एविएशन की दुनिया में भारत चौथे नंबर पर है। अमेरिका और चीन के बाद वो तीसरे नंबर पर बहुत जल्द आएगा, ऐसी उम्मीद है। भारत खुद सिंगापुर और दुबई की तरह हवाई सफर का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनना चाहता है। पर विकसित भारत में टूरिज्म को बढ़ावा देना है तो सिविल एविएशन सेक्टर मजबूत होना चाहिए और इसीलिए इस घटना की तह में जाना पड़ेगा। हवाई सफर के क्षेत्र का विकास यात्रियों की सलामती के बिना मुमकिन नहीं है।
- विकसित भारत में टूरिज्म को अगर बढ़ावा देना है तो सिविल एविएशन सेक्टर मजबूत होना चाहिए और इसीलिए इस घटना की तह में जाना पड़ेगा। किसी भी हवाई सफर के क्षेत्र का विकास यात्रियों की सलामती के बिना मुमकिन नहीं है।
(ये लेखिका के अपने विचार हैं।)