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Saturday, 28 June 2025
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Virag Gupta’s column – Storing government data on foreign servers is dangerous | विराग गुप्ता का कॉलम: सरकारी डेटा को विदेशी सर्वर में रखना खतरनाक है

Virag Gupta’s column – Storing government data on foreign servers is dangerous | विराग गुप्ता का कॉलम: सरकारी डेटा को विदेशी सर्वर में रखना खतरनाक है

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3 घंटे पहले

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विराग गुप्ता सुप्रीम कोर्ट के वकील और ‘डिजिटल कानूनों से समृद्ध भारत’ के लेखक हमले हुए हैं।

अमेरिका में सुरक्षा खामियों और बड़े जोखिम की वजह से संसद के स्टाफ द्वारा मोबाइल और कम्प्यूटर से वॉट्सएप को हटाने की खबर आई है। भारत में भी प्रधानमंत्री ने मंत्रियों की बैठक में कहा था कि पहलगाम के बाद 10 करोड़ से ज्यादा साइबर हमले हुए हैं। ऐसे में सरकारी कम्प्यूटरों से वॉट्सएप के गैर-कानूनी इस्तेमाल पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। इससे जुड़े 5 बातों पर समझ जरूरी है।

1. कानून : भारत में पब्लिक रिकाॅर्ड्स कानून के अनुसार सरकारी कामकाज के डेटा को विदेशी सर्वर में नहीं रखा जा सकता। विदेशी सर्वर वाले ऐप के इस्तेमाल पर तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। इस बारे में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने नवम्बर 2014 में आदेश जारी किया था। भारत में इस कानून का उल्लंघन करके धड़ल्ले से सरकारी काम के लिए वॉट्सएप का इस्तेमाल चिंताजनक है। वॉट्सएप का सरकारी संवाद का डेटा ऑफिस रिकॉर्ड में नहीं होता है, जिसे आरटीआई से भी हासिल नहीं किया जा सकता। ईरान के घटनाक्रमों से साफ है कि वॉट्सएप के माध्यम से भारत में भी बड़े अफसरों और नेताओं की लोकेशन को ट्रैक किया जा सकता है।

2. डेटा का कारोबार : इनक्रिप्टेड मैसेज में सुरक्षा के दावों के अनुसार भेजने वाला और पाने वाला ही मैसेज को पढ़ सकता है। अमेरिका के घटनाक्रम से साफ है कि वॉट्सएप में इनक्रिप्शन में लोचे के साथ यूजर्स के डेटा की सुरक्षा में अनेक कमियां हैं। 16 अरब पासवर्ड लीक होने की खबरों से पता चलता है कि बहुत जल्द हैकर्स वॉट्सएप के इनक्रिप्शन कोड का तोड़ निकाल लेंगे। उसके अलावा दुनिया के सबसे बड़े डेटा के निर्बाध स्वामी होने के नाते वॉट्सएप के लिए तो सभी दरवाजे खुले हैं। उसके सर्वर में संदेश, फोटो, वीडियो आदि एक महीने तक सुरक्षित रहते हैं। आशंकाओं के मुताबिक वॉट्सएप इन मैसेज को पढ़कर लोगों के पास टारगेटेड विज्ञापन भेजता है। वॉट्सएप अपने सर्वर में सुरक्षित अरबों यूजर्स के खरबों इनक्रिप्टेड मैसेज, फोटो और वीडियोज के व्यावसायिक इस्तेमाल से सोशल मीडिया-एआई की दुनिया में सुनामी ला सकता है।

3. विज्ञापन : भारत में मेटा के तीनों प्लेटफाॅर्मों में से वॉट्सएप के 54 करोड़, इंस्टाग्राम के 41 करोड़ और फेसबुक के 38 करोड़ यूजर्स हैं। वैश्विक कम्पनियां हर काम में बड़ा मुनाफा वसूलती हैं। ऐसे में वॉट्सएप और दूसरी कम्पनियों के अवैध कारोबार और मुनाफे के बिजनेस मॉडल को समझना जरूरी है। फेसबुक, वॉट्सएप और इंस्टाग्राम के यूजर्स का डेटा शेयर करके मेटा कंपनी बड़ा मुनाफा कमा रही है। वॉट्सएप के बिजनेस एकाउंट में भी सूचनाओं के संग्रहण के साथ विज्ञापनों से आमदनी होती है। नई नीति के अनुसार स्टेटस के फोटो, वीडियो और मैसेज में विज्ञापनों से वॉट्सएप कमाई का नया जरिया बना रहा है।

4. टैक्स चोरी : मेटा कम्पनी इंटरमीडियरी सुरक्षा की आड़ में कानून के अनुपालन से बचती है। भारत में तीनों प्लेटफाॅर्मों के 133 करोड़ यूजर्स के डेटा के व्यावसायिक इस्तेमाल से खरबों रुपए कमाने वाली मेटा कम्पनी कानून की सुरंगों का फायदा उठाकर जीएसटी और आयकर के टैक्स-भुगतान से बचती है। मेटा की तीनों कम्पनियां आपस में जो डेटा शेयरिंग करती हैं, उन अनुबंधों में भी जीएसटी की बड़े पैमाने पर चोरी हो रही है। डेटा चोरी, टैक्स चोरी और नियमों में शिथिलता का फायदा उठाकर वॉट्सएप भारत में संवाद का सबसे बड़ा और लोकप्रिय प्लेटफॉर्म बन गया है। लेकिन इससे सरकारी खजाने और परम्परागत अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान के आकलन की भी जरूरत है।

5. स्वदेशी ऐप : भारत में वॉट्सएप के व्यापारिक रजिस्ट्रेशन की जरूरत, डेटा के स्थानीयकरण और स्वदेशी ऐप के बारे में आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बड़े दावे किए थे। उसके बाद से मर्ज बढ़ता गया, ज्यों-ज्यों दवा की। इंस्टाग्राम से रील की लत और फर्जी खबरों की वॉट्सएप यूनिवर्सिटी के बढ़ते चलन से जाहिर है कि अपसंस्कृति के साथ डिजिटल गुलामी की जकड़न बढ़ती जा रही है। सरकारी काम में वॉट्सएप, फेसबुक और यू-ट्यूब जैसी विदेशी कंपनियों के विज्ञापन और सरकारी विभागों के साथ साझेदारी, केंद्रीय सतर्कता विभाग के अनुदेशों का खुला उल्लंघन है। पिछले दशक में हिलेरी क्लिंटन के चुनावों में भी निजी ई-मेल के इस्तेमाल पर बहुत बवंडर हुआ था। वॉट्सएप के मामले में टैक्स और कानून के शासन को सख्ती से लागू करने की जरूरत है।

भारत में कानून का उल्लंघन करके धड़ल्ले से सरकारी कामकाज के लिए वॉट्सएप का इस्तेमाल होना चिंताजनक है। वॉट्सएप का सरकारी संवाद का डेटा ऑफिस रिकॉर्ड में नहीं होता है, जिसे आरटीआई से भी हासिल नहीं कर सकते। (ये लेखक के अपने विचार हैं)

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Anuragbagde69@gmail.com

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