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Monday, 28 July 2025
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Aarti Jerath’s column – Opposition parties are going to keep a close eye on Bihar elections | आरती जेरथ का कॉलम: बिहार चुनावों पर कड़ी नजर रखने जा रहे हैं विपक्षी दल

Aarti Jerath’s column – Opposition parties are going to keep a close eye on Bihar elections | आरती जेरथ का कॉलम: बिहार चुनावों पर कड़ी नजर रखने जा रहे हैं विपक्षी दल

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4 घंटे पहले

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आरती जेरथ राजनीतिक टिप्पणीकार

राहुल गांधी ने पिछले साल के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को ‘फिक्स’ बताकर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। उस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति ने महा विकास अघाड़ी पर भारी जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया था। शरद पवार की एनसीपी का तो उनके गढ़ पश्चिमी महाराष्ट्र में लगभग सफाया ही हो गया था, वहीं कांग्रेस 16 सीटों पर सिमटकर रह गई थी।

राहुल ने कहा कि यह ‘छोटे स्तर की धोखाधड़ी’ नहीं थी, यह ‘हमारे राष्ट्रीय संस्थानों पर कब्जा करने वाली औद्योगिक पैमाने की धांधली’ थी। उन्होंने पांच बिंदुओं में बताया कि चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर परिणामों की पटकथा लिखी थी।

भाजपा और उसके सहयोगियों ने उलटे राहुल पर आरोप लगाते हुए बयानों और ट्वीट्स की बौछार कर दी। महाराष्ट्र के भाजपा के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी के लेख पर एक जवाबी लेख लिखकर अद्भुत कौशल का परिचय दिया।

वहीं चुनाव आयोग ने राहुल के दावों को बेतुका बताकर खारिज कर दिया, हालांकि उनके आरोपों का बिंदुवार खंडन करने से इनकार कर दिया। आयोग ने कहा कि वह ऐसा तभी करेगा, जब कांग्रेस नेता आयोग के पास आकर औपचारिक शिकायत दर्ज कराएंगे। महाराष्ट्र चुनाव समाप्त हो चुके हैं और अब औपचारिक शिकायत का कोई मतलब नहीं है। चुनाव आयोग यह बात जानता है।

लेकिन राहुल के आरोपों की चुनाव आयोग द्वारा जांच से भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के उसके सहयोगी दल भविष्य के चुनावों में हार से बचने के लिए क्या सावधानी बरतेंगे। कहते हैं जो पहले से ही चौकन्ना होता है, वो कम गलतियां करता है। तो क्या राहुल और उनके सहयोगी चुनाव प्रक्रिया की बारीकी से जांच करेंगे, ताकि सभी को समान अवसर मिल सकें?

क्या उनके पास मतदाता सूची से लेकर उन निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान करने जहां वे कमजोर ​हालत में हैं, ईवीएम की सुरक्षा के लिए 24 घंटे नजर रखने और मतगणना प्रक्रिया की निगरानी करने की दृढ़ता, कठोरता और कार्यकर्ताओं की संख्या है?

यह महत्वपूर्ण है कि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनावों में धांधली सम्बंधी आरोप लगाने के बाद एक ट्वीट करते हुए आशंका व्यक्त की थी कि बिहार में होने जा रहे आगामी विधानसभा चुनावों में भी कुछ ऐसा ही हो सकता है। यह भी दिलचस्प है कि उन्हें एक अप्रत्याशित नेता से समर्थन मिला।

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर- जिनकी नवगठित जन सुराज पार्टी बिहार में अपना पहला चुनाव लड़ रही है- ने कहा कि राहुल के तर्कों में दम है। पीके का हस्तक्षेप इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वे 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार थे।

यह उभरता हुआ परिदृश्य बिहार के चुनावों को एक नया मोड़ देने वाला हो सकता है। पीके के समर्थन से उत्साहित राहुल की आक्रामक मुद्रा बताती है कि चुनाव आयोग की गतिविधियों की कड़ी निगरानी की जाएगी। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, राहुल की टीम इन दिनों बिहार में ही है और पूरे चुनाव के दौरान वहीं रहेगी।

वह तेजस्वी यादव के राजद कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बिहार के निर्वाचन क्षेत्र-दर-निर्वाचन क्षेत्र, मतदान केंद्र-दर-मतदान केंद्र, मतदाता सूची-दर-मतदाता सूची का खाका तैयार कर रही है। प्रशांत किशोर की टीम तो इस तरह के विस्तृत चुनाव प्रबंधन में पहले से ही अनुभवी है।

अगर महाराष्ट्र की तरह बिहार चुनाव परिणामों को लेकर भी सवाल उठते हैं तो चुनाव आयोग को प्रमाणों के साथ अपना बचाव करना होगा। राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि मई 2024 में हुए लोकसभा चुनाव और उसके महज पांच महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र के मतदाताओं की संख्या में एक अजीबोगरीब उछाल आया था।

दो लोकसभा चुनावों के बीच के पांच वर्षों में जहां यह संख्या 31 लाख बढ़ी थी, वहीं लोकसभा-विधानसभा चुनाव के पांच महीनों के अंतराल में यह 41 लाख बढ़ गई। राहुल ने चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदान के आंकड़ों पर भी संदेह जताया।

उन्होंने कहा कि शाम 5 बजे के बाद से मतदान में अचानक उछाल आया था। मतदान केंद्रों के वीडियो फुटेज साझा करने की मांग की गई तो इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तक पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए नियमों में संशोधन कर दिया गया। महाराष्ट्र के बारे में तो अब ज्यादा कुछ नहीं हो सकता। लेकिन लग रहा है बिहार चुनाव बहुत तनावपूर्ण होगा और चुनाव आयोग के हर कदम पर कड़ी नजर रखी जाएगी।

यह महत्वपूर्ण है कि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनावों में धांधली सम्बंधी आरोप लगाने के बाद एक ट्वीट करते हुए आशंका व्यक्त की थी कि बिहार में होने जा रहे आगामी विधानसभा चुनावों में भी कुछ ऐसा ही हो सकता है। (ये लेखिका के अपने विचार हैं)

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Anuragbagde69@gmail.com

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