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- Column By Pandit Vijayshankar Mehta Work With Dedication But Give Measured Time To Life
2 घंटे पहले
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पं. विजयशंकर मेहता
अपने काम को पूरा समय दीजिए। डूबकर करिए हर काम। लेकिन जीवन को भी नपा-तुला समय जरूर दीजिए। हम अपने काम में इतने डूब जाते हैं कि भूल ही जाते हैं जीवन भी कुछ है। जीवन हमसे पूरा समय नहीं मांगता, कामकाज की दुनिया मांगती है। अब कम समय देकर आप आगे नहीं बढ़ पाएंगे। 10 से 14 घंटे काम करना सामान्य बात है।
आप इसमें कटौती करते हैं तो हाशिए पर पटक दिए जाएंगे। ऐसे समय जीवन को नपा-तुला समय दें। और खासतौर पर चार वक्त थोड़ा समय दीजिए, पर एकदम तराशा हुआ। सुबह जब उठें, रात को जब सोएं, जब भोजन करें और जब परिवार के साथ हों। बहुत अधिक समय मत दीजिए, पर जितना भी दें, फिर वहीं रहिए।
आपकी एक-एक सांस उस घड़ी, उस काम को समर्पित हो। सुबह उठते समय आप खुद से जुड़ जाएं, भोजन करते समय शांत हो जाएं, सोते समय आत्मा के साथ सोने की तैयारी करें और परिजनों के साथ बैठें तो वैकुंठ की कल्पना करें। फिर देखें, कारोबार में दिया गया समय भरपूर लौटेगा।