Sign Up to Our Newsletter

Be the first to know the latest updates

Monday, 28 July 2025
National

Derek O’Brien’s column – Why are manifesto promises not fulfilled? | डेरेक ओ ब्रायन का कॉलम: घोषणा-पत्र में किए गए वादे पूरे क्यों नहीं किए जाते हैं?

Derek O’Brien’s column – Why are manifesto promises not fulfilled? | डेरेक ओ ब्रायन का कॉलम: घोषणा-पत्र में किए गए वादे पूरे क्यों नहीं किए जाते हैं?

4 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

डेरेक ओ ब्रायन, राज्यसभा में टीएमसी के नेता

लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा ने 69 पृष्ठों का घोषणा-पत्र प्रकाशित किया था। आइए, उस घोषणा-पत्र में किए गए कुछ वादों को देखें और यह पता करने की कोशिश करें कि आज उनकी दशा क्या है।

1. वादा : गरीब की थाली को सुरक्षित रखने के हमारे प्रयासों को विस्तार देना (पृष्ठ 11)। वास्तविकता : विश्व बैंक के अनुसार, आज 7.5 करोड़ भारतीय प्रतिदिन 225 रुपए से भी कम कमाते हैं। सबसे गरीब 5% लोग प्रतिदिन 68 रुपए खर्च करते हैं। जबकि एक शाकाहारी थाली की कीमत ही 77 रुपए है।

2. वादा : उच्च मूल्य वाली नौकरियां सृजित करना (पृष्ठ 14)। वास्तविकता : 46% कार्यबल कृषि में लगा है। हर पांच में से तीन स्वरोजगार कर रहे हैं, जो रोजगार का सबसे अच्छा तरीका नहीं है।

3. वादा : कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी (पेज 15)। वास्तविकता : 2018-23 के बीच, रोजगार-संबंधी गतिविधियों में लगी महिलाओं का अनुपात सिर्फ 2.3% अंक बढ़ा। रोजगार-संबंधी गतिविधियों पर बिताया समय पांच वर्षों में सिर्फ 10 मिनट बढ़ा। महिलाओं के लिए श्रम बल भागीदारी दर पुरुषों की तुलना में आधी बनी हुई है।

4. वादा : महिला आरक्षण विधेयक लागू करना (पेज 16)। वास्तविकता : विधेयक 2023 में पारित हुआ। इसे जनगणना से जोड़ा गया, जो 2027 में पूर्ण होगी। जनगणना के बाद परिसीमन होंगे। इन दोनों के बाद ही विधेयक वास्तव में लागू हो सकता है। कब?

5. वादा : पीएम किसान योजना को मजबूत करना (पेज 22)। वास्तविकता : हर दिन 30 किसान आत्महत्या करते हैं। 2018-23 के बीच, ग्रामीण क्षेत्रों में वास्तविक मजदूरी में सालाना 0.4% की गिरावट आई, जबकि कृषि मजदूरी में सालाना सिर्फ 0.2% की वृद्धि देखी गई। धनराशि बढ़ाने के संसदीय समिति के सुझाव को नजरअंदाज कर दिया गया।

6. वादा : ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब (पृष्ठ 42)। वास्तविकता : मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का योगदान 2023 में जीडीपी के 12.3% से घटकर 2024 में 4.5% हो गया, जो 2014 से भी नीचे है। पिछले दो वर्षों में, दस में से केवल एक व्यक्ति मैन्युफैक्चरिंग में कार्यरत है। 2015 और 2024 के बीच, मैन्युफैक्चरिंग एमएसएमई की संख्या में 2% से थोड़ी अधिक ही वृद्धि हुई।

7. वादा : ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच का विस्तार (पृष्ठ 45)। वास्तविकता : चार वर्षों में, इस कवच को केवल 2% मार्गों और 1% से भी कम इंजनों में स्थापित किया जा सका है। इसकी प्रगति की वर्तमान दर को देखते हुए भारतीय रेलवे नेटवर्क में इसके क्रियान्वयन में कुछ दशक लग सकते हैं।

8. वादा : बुलेट ट्रेनों का विस्तार (पृष्ठ 46)। वास्तविकता : 2014 के रेल बजट में 60,000 करोड़ रुपए के अनुमानित व्यय के साथ बुलेट ट्रेन परियोजना की घोषणा की थी। आज 11 साल बाद 71,000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने के बावजूद परियोजना का आधा से भी कम काम पूरा हो पाया है।

9. वादा : एक्सप्रेस-वे और रिंग रोड का विस्तार (पेज 47)। वास्तविकता : 2017 में सरकार ने भारतमाला परियोजना के तहत 34,800 किलोमीटर की परियोजनाओं की मंजूरी दी थी। हालांकि, इनमें से केवल आधा ही काम पूरा हो पाया है। परियोजना का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा तो अभी तक आवंटित भी नहीं किया जा सका है।

10. वादा : भ्रष्टाचार से निपटना (पेज 54)। वास्तविकता : पिछले एक दशक में ईडी द्वारा सांसदों, विधायकों और नेताओं के खिलाफ 193 मामलों में से केवल दो में ही दोषसिद्धि हुई है। पिछले 11 वर्षों में ईडी द्वारा कुल 5297 मामले दर्ज किए गए। केवल 47 मामलों को ही सुनवाई के लिए अदालत में ले जाया गया। दर्ज किए गए प्रत्येक 1000 मामलों में से केवल सात मामलों में ही आरोपी दोषी पाए गए।

11. वादा : एम्स को मजबूत बनाना (पेज 57)। वास्तविकता : पूरे भारत में एम्स अस्पतालों में 18,737 पद खाली पड़े हैं। इनमें से 2200 से अधिक पद फैकल्टी से संबंधित हैं।

12. वादा : युवाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण का विस्तार (पृष्ठ 60)। वास्तविकता : भारत में तीन में से एक युवा न तो शिक्षा, न ही रोजगार, न ही प्रशिक्षण में है, और इनमें 95% महिलाएं हैं। केवल 4% युवाओं को औपचारिक कौशल प्रशिक्षण मिला है।

  • आज 7.5 करोड़ भारतीय प्रतिदिन 225 रुपए से भी कम कमाते हैं। सबसे गरीब 5% लोग प्रतिदिन 68 रुपए खर्च करते हैं। जबकि एक शाकाहारी थाली की कीमत ही 77 रुपए है। गरीब की थाली वाले वादे का क्या हुआ?

(ये लेखक के अपने विचार हैं। इस लेखक के सहायक शोधकर्ता धीमंत जैन हैं।)

खबरें और भी हैं…

Source link

Tag:

Anuragbagde69@gmail.com

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay updated with the latest trending news, insights, and top stories. Get the breaking news and in-depth coverage from around the world!

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.