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Saturday, 28 June 2025
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Donald Trump Nobel Nomination Controversy Pakistan Embarrassed Shehbaz Sharif Government Iran Attack Criticism – Amar Ujala Hindi News Live

Donald Trump Nobel Nomination Controversy Pakistan Embarrassed Shehbaz Sharif Government Iran Attack Criticism – Amar Ujala Hindi News Live

इस्लामाबाद की सियासत में इन दिनों एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। शहबाज शरीफ सरकार द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए आगे बढ़ाने पर पाकिस्तान में सियासी घमासान मच गया है। खास बात यह है कि ट्रंप की इस सिफारिश के कुछ घंटों बाद ही अमेरिका ने ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर हमला बोल दिया, जिसके बाद पाकिस्तान में सरकार की कड़ी आलोचना शुरू हो गई।

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पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को अचानक घोषणा की थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव कम करने में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को देखते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जाएगा। इसके लिए उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने नॉर्वे में नोबेल कमेटी को सिफारिश पत्र भी भेज दिया। लेकिन ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद इस फैसले पर सवाल उठने लगे हैं।

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम ने किया कड़ा विरोध

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने सरकार से इस सिफारिश को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने ईरान, फिलिस्तीन, सीरिया और लेबनान पर हमलों का समर्थन किया है, उसे शांति पुरस्कार कैसे दिया जा सकता है? फजल ने यह भी आरोप लगाया कि सेना प्रमुख असीम मुनीर से ट्रंप की मुलाकात के बाद पाक हुक्मरानों ने यह सिफारिश की।

ट्रंप कोई शांति दूत नहीं- पूर्व सांसद मुशाहिद हुसैन

पूर्व सांसद मुशाहिद हुसैन ने ट्रंप की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ट्रंप अब कोई ‘शांति दूत’ नहीं, बल्कि ‘युद्ध का समर्थक’ बन चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से नोबेल की सिफारिश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि ट्रंप ने खुद को इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और युद्ध लॉबी के चंगुल में फंसा लिया है।

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पाकिस्तान की साख पर धब्बा- रऊफ हसन

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता अली मोहम्मद खान ने भी इस सिफारिश पर सवाल उठाते हुए ‘पुनर्विचार’ की बात कही। वहीं, पार्टी के थिंक-टैंक प्रमुख रऊफ हसन ने इसे पाकिस्तान के लिए शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा ईरान पर हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन है और ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करना पाकिस्तान की साख पर धब्बा है।

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पूर्व राजदूत ने भी जताई नाराजगी

पूर्व राजदूत मलीहा लोधी और लेखक-कार्यकर्ता फातिमा भुट्टो ने भी इस फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई। वहीं वरिष्ठ पत्रकार मरियाना बाबर ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इस फैसले ने पाकिस्तान की छवि अंतरराष्ट्रीय मंच पर और खराब कर दी है। अब देखना होगा कि बढ़ते दबाव के बीच शहबाज सरकार अपने फैसले पर कायम रहती है या ट्रंप का नोबेल नामांकन वापस लेती है।

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Anuragbagde69@gmail.com

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