Sign Up to Our Newsletter

Be the first to know the latest updates

Monday, 28 July 2025
National

Dr. Nanditesh Nilay’s column – Life does not stop, but we will have to pause for safety | डॉ. नंदितेश निलय का कॉलम: जीवन रुकता नहीं, लेकिन सुरक्षा के लिए थोड़ा ठहरना होगा

Dr. Nanditesh Nilay’s column – Life does not stop, but we will have to pause for safety | डॉ. नंदितेश निलय का कॉलम: जीवन रुकता नहीं, लेकिन सुरक्षा के लिए थोड़ा ठहरना होगा

  • Hindi News
  • Opinion
  • Dr. Nanditesh Nilay’s Column Life Does Not Stop, But We Will Have To Pause For Safety

1 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

डॉ. नंदितेश निलय वक्ता, एथिक्स प्रशिक्षक एवं लेखक

हमारे आसपास का जीवन बहुत असुरक्षित हो गया है। महामारी से उबरी दुनिया ने यह नहीं सोचा होगा कि हवाई जहाज की यात्रा लगातार डरावनी होती जाएगी या उसकी जगह हेलीकॉप्टर से की गई यात्रा आखिरी यात्रा साबित होगी और इन सबसे अगर कोई बच गया तो वह पुल ही धंस जाएगा जो जीवन को पार लगाएगा।अगर फिर भी सांस रही तो कोई सड़क दुर्घटना हो जाएगी या गर्मी में एयर कंडीशनर ही फट जाएगा।

और तो और, वैक्सीनेशन के कवच में सुरक्षित लोग जब दौड़ेंगे, खेलेंगे या वर्जिश करेंगे तो उनके आसपास वह डेटा बड़बड़ाता आ जाएगा, जो यह बताएगा कि आज किसी भी उम्र में, किसी की भी धड़कन थम सकती है। ऐसे में इस अनिश्चितता का सामना कैसे किया जाए? जीवन तो रुकता नहीं है। तो अगर किसी की पहली हवाई यात्रा मौत और जिंदगी की उड़ान के बीच लैंड करे तो सोचिए उस यात्री का क्या हाल हुआ होगा। और उनका क्या जो हर बार किसी पुल से गुजरते वक्त घबरा जाएंगे!

अभी तो एयर क्रैश के बाद भी इमरजेंसी लैंडिंग का सिलसिला जारी है। क्या एयर क्रैश, एक्सीडेंट्स, पुलों का गिरना एक न्यू नॉर्मल बनता जा रहा है? क्या सेफ्टी के मूल्य को दरकिनार कर जीवन चलने का नाम है की आड़ में यूं ही मौत का सिलसिला जारी रहेगा?

आखिर ऐसी परिस्थिति में तमाम संस्थाएं करें तो क्या करें? मुझे लगता है समय आ गया है कि तमाम मूल्यों में सेफ्टी के मूल्य को संस्थाएं टॉप मोस्ट मूल्य बनाएं। क्योंकि बैलेंस शीट और लाभ, टारगेट, रेवेन्यू के जमाने में मुनाफा कमाने का अत्यधिक दवाब चारों तरफ है। एक हवाई जहाज की कितनी उड़ान बनती है और उससे कितना पैसा आता है; उससे ज्यादा जरूरी है यह देखना कि सुरक्षा मानकों को ठीक से फॉलो किया जा रहा है या नहीं?

क्या यह संभव है कि कोई कंपनी सारे सुरक्षा मानकों से कोई समझौता न करे और अपनी एक के बाद एक उड़ानें रद्द कर दे? या किसी कारखाने में बिना सेफ्टी शूज, बेल्ट, ग्लासेस, हेलमेट के मैनेजमेंट से लेकर अंतिम आदमी तक प्रवेश न कर पाए? आखिर सुधार की सुगबुगाहट विध्वंस के बाद ही क्यों होती है? सुरक्षा हमारा सामाजिक व्यवहार क्यों नहीं बन पा रही है?

कार्यस्थल पर स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण का समर्थन करने वाले एक लेख में लेखक मानते हैं कि सुरक्षा संस्कृति कंपनी अभ्यास में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। जैसा कि हेल और होवडेन ने कहा भी है कि हम आजकल “सुरक्षा के तीसरे युग’ में रहते हैं, जिसमें अब केवल तकनीकी (पहला युग) या संगठनात्मक उपायों (दूसरा युग) पर ध्यान केंद्रित नहीं किया जाता है। सुरक्षा पर ध्यान करना ही मुख्य रूप से संस्कृति और मानव व्यवहार का हिस्सा बनना चाहिए।

अभी पिछले ही साल दिल्ली की बारिश में कितने छात्रों ने लाइब्रेरी के बेसमेंट में जलसमाधि ले ली, कितने अस्पतालों के एसी फट गए, कितने पुल गिर गए, रेल हादसे भी हुए। ऐसे में एक व्यक्ति के लिए जीवन दिनों-दिन असुरक्षा की भावना से भरता जा रहा है। ऐसे युग मे जहां हर व्यक्ति-वस्तु का आर्थिक मूल्य ही वास्तविक मूल्य बना हुआ है; सुरक्षा के मूल्य को सामाजिक व्यवहार बनाना आसान नहीं है। पर हमें यह करना तो पड़ेगा ही।

इसलिए आवश्यक है कि हर स्तर पर व्यक्ति की सुरक्षा को सर्वोपरि बनाया जाए और इससे कोई समझौता न किया जाए। भारत में कार बनाने वाली कंपनियों में से कुछ की गाड़ियां सुरक्षा मानक में सर्वोपरि होती हैं। अब तो ऑटो कंपनियां ऐसी गाड़ियां भी बना रही हैं कि अगर ड्राइवर ने सीट बेल्ट नहीं लगाया तो वह स्टार्ट ही नहीं होगी। कुछ व्यापार-समूहों ने भी स्पीड के साथ सेफ्टी को प्रथम मूल्य बनाया है और उनके प्लांट्स या कॉलोनीज में व्यक्ति की सुरक्षा उस सेफ्टी मूल्य से निर्धारित होती है।

जापानी कंपनियां भी सुरक्षा को सर्वोच्च मानती हैं। तो क्या एविएशन या रेल में ऐसा नहीं हो सकता? दो उड़ानों के बीच में हवाई जहाज को उचित समय दिया जाए, ताकि सुरक्षा को लेकर कोई अनदेखी न हो। अगर सरकार के मानक सख्त हो जाएंगे तो मानवीय या तकनीकी गलती से होती दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।

(ये लेखक के अपने विचार हैं)

खबरें और भी हैं…

Source link

Anuragbagde69@gmail.com

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay updated with the latest trending news, insights, and top stories. Get the breaking news and in-depth coverage from around the world!

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.