Sign Up to Our Newsletter

Be the first to know the latest updates

Sunday, 27 July 2025
National

Harivansh’s column – The situation is better than before but we still have to move further | हरिवंश का कॉलम: हालात पहले से बेहतर पर हमें अभी और आगे बढ़ना है

Harivansh’s column – The situation is better than before but we still have to move further | हरिवंश का कॉलम: हालात पहले से बेहतर पर हमें अभी और आगे बढ़ना है

  • Hindi News
  • Opinion
  • Harivansh’s Column The Situation Is Better Than Before But We Still Have To Move Further

5 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति

मुल्क का वजूद उसके पुरुषार्थ-संकल्प से बनता है। न भूलें, बमुश्किल एक दशक पहले की हकीकत। अंग्रेजों का छोड़ा श्रेष्ठ डिफेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर यहां था। पुरानी 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां थीं। रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक 51 कंपनियां। फिर भी जवानों के पास बुलेटप्रूफ जैकेट और नाइट विजन ग्लासेस नहीं थे।

कैग की टिप्पणी थी, वायु, रक्षा व आर्टिलरी के पास अति-आवश्यक हथियारों की कमी है। हथियार खरीदने (थल सेना) को 1500-2000 करोड़ ही बचते थे। रक्षा संसदीय समिति (2012, अप्रैल) ने स्वीकारा कि हथियारों की क्रिटिकल स्थिति है। कमेटी (2012-13) स्तब्ध थी कि नई खरीद के लिए बजट में लगभग 5520 करोड़ ही थे। रक्षा मंत्री (फरवरी 2014) का बयान था- नो मनी, मेजर डील्स विल हैव टु वेट।

आजादी की 66वीं वर्षगांठ पर केरन-सांबा क्षेत्र में पाकिस्तानी घुसे। भारतीय जवानों की हत्या कर कुछेक का सिर काट ले गए। रक्षा मंत्री ने संसद में गलत सूचना के लिए माफी मांगी। खबर दबाई गई। अमेरिकी आदेश पर भारतीय प्रधानमंत्री पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से मिल रहे थे।

वॉशिंगटन में। प्रधानमंत्री ने ओबामा से शिकायत की। नवाज शरीफ ने इसे “देहाती औरत का रिरियाना’ कहा। फिर पाक ने खंडन किया। इसके पहले के हालात (मुंबई ब्लास्ट वगैरह) समझने के लिए शिवशंकर मेनन की किताब है- “चॉइसेस’।

आज दुनिया ने (ऑपरेशन सिंदूर) में उसी भारत के स्वदेशी हथियारों की ताकत देखी। संसार की हथियार लॉबी, भारत के रक्षा कवच, इंटिग्रेटेड एयर कमान व कंट्रोल सिस्टम देख हतप्रभ है। पाकिस्तान के हर घातक प्रहार को नाकाम करने वाली भारतीय स्वदेशी सुरक्षा तकनीक उन्होंने देखी। इसे विकसित किया है, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बेल) ने।

इसी बेल की ईजाद अक्षयतीर एयरडिफेंस कंट्रोल सिस्टम है। यह है भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिभा-क्षमता व सामर्थ्य। 686 (2013-14) करोड़ रुपए के हथियार बेचने वाले भारत का आज रक्षा निर्यात 23622 करोड़ रुपए है। 2029 तक रक्षा निर्यात लक्ष्य 50000 करोड़ है।

आज भारत कहां पहुंचा? ताजा रिपोर्ट (आईएमएफ) के मुताबिक दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था। भारत की जीडीपी अब 4.19 ट्रिलियन डॉलर है। 1971 में भारत व पाकिस्तान की जीडीपी में फर्क 57 अरब डॉलर था। आज 3.5 ट्रिलियन डॉलर है। पाकिस्तान पर 280 अरब डॉलर कर्ज है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय वायुसेना, अमेरिकन गोल्डन डोम व इजराइल के आयरन डोम से श्रेष्ठ रक्षा कवच विकसित करने में जुटी है। पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ स्वदेशी लड़ाकू विमान यहां बनने की घोषणा हुई है। हथियारों के प्रोडक्शन से आगे डिजाइन व डेवलपमेंट पर भारत कदम बढ़ा रहा है।

जरूरत है कि हम अपने कामकाज की संस्कृति अव्वल बनाएं। वायुसेना चीफ की चिंता कि रक्षा प्रोजेक्ट समय से पूरे हों, वाजिब है। सेना, नौसेना, वायु सेना, अन्य एजेंसियां, इंडस्ट्री व डीआरडीओ एक बड़ी चेन की कड़ियां हैं। इनमें श्रेष्ठ समन्वय वक्त की जरूरत है।

राष्ट्रीय चरित्र व प्रतिबद्धता से ही प्रभावी कार्यसंस्कृति बनेगी। अतीत ने देखा है कि निजी लाभ के लिए जयचंदों, मीर जाफरों, जगत सेठों वगैरह की संस्कृति यहां रही है। आज ज्योति मल्होत्रा, देवेंद्र सिंह व अरमानों की फौज मुल्क को कमजोर करने में लगी है।

ब्रिटिश इतिहासकार जे.आर. सिली (1834-1895) की किताब है- ‘द एक्सपांशन ऑफ इंग्लैंड’। उसमें लिखा है कि ‘हमने (यानी अंग्रेजों ने) भारत को नहीं जीता, खुद भारतीयों ने ही देश को हमारी तश्तरी में रख दिया।’ चौधरी चरण सिंह ने सिली की इस पुस्तक का अनुवाद बंटवाया था, ताकि हमारा राष्ट्रीय चरित्र निखरे। हम खुद का आत्मविश्लेषण करें। यह राष्ट्रीय चरित्र ही इतिहास लिखता है। भारत का स्वर्णिम इतिहास चरित्रवान, संकल्पवान व दूरदृष्टि वालों ने ही बनाया था।

देश के वायुसेना प्रमुख की यह चिंता कि रक्षा प्रोजेक्ट समय से पूरे हों, पूरी तरह से वाजिब है। सेना, नौसेना, वायु सेना, अन्य एजेंसियां, इंडस्ट्री व डीआरडीओ एक बड़ी चेन की कड़ियां हैं। इनमें श्रेष्ठ समन्वय आज की जरूरत है।

(ये लेखक के अपने विचार हैं)

खबरें और भी हैं…

Source link

Tag:

Anuragbagde69@gmail.com

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay updated with the latest trending news, insights, and top stories. Get the breaking news and in-depth coverage from around the world!

Get Latest Updates and big deals

    Our expertise, as well as our passion for web design, sets us apart from other agencies.