अहमदाबाद विमान हादसे की जांच तेज हो गई है। सोमवार को विमान हादसे की जांच के लिए गठित की गई उच्च स्तरीय समिति ने नागरिक उड्डयन सुरक्षा को लेकर चर्चा की। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता वाली समिति ने विमान दुर्घटना के संभावित कारणों के बारे में अलग-अलग हितधारकों की बात सुनी। इस दौरान विमान हादसे को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर बात की।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में प्रतिभागियों ने विमान हादसों के संभावित कारणों और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एसओपी बनाने पर बात की। सोमवार को हुई बैठक में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, भारतीय वायु सेना, खुफिया ब्यूरो, गुजरात सरकार, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के प्रतिनिधि शामिल थे। समिति ने तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तैयारी की है।
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अमेरिकी एजेंसी ने भी जांच शुरू की, विशेषज्ञों ने घटनास्थल का दौरा किया
अमेरिका के राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) ने भी एअर इंडिया विमान दुर्घटना की जांच शुरू की है। कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने दुर्घटना स्थल का दौरा किया। अफसरों ने बताया कि विमान अमेरिका में बना है, इसलिए अमेरिकी एनटीएसबी अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत घटना की जांच कर रहा है। पिछले दो दिनों से कई विदेशी विशेषज्ञ दुर्घटना स्थल पर सुराग खोजने के लिए मलबे की जांच करते देखे गए।
हवाई दुर्घटना जांच ब्यूरो भी कर रहा विमान हादसे की जांच
हादसे की जांच हवाई दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) कर रहा है, जो विमानन मंत्रालय के अधीन आता है। रविवार को विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने हादसे की जांच के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की थी।
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विमान हादसे में 270 से ज्यादा लोगों की मौत
लंदन जा रहा एअर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान 12 जून को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें चालक दल के सदस्यों सहित 242 यात्री सवार थे। उड़ान भरने के एक मिनट के भीतर यह विमान अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर के छात्रावास से टकरा गया। हादसे में 242 में 241 की मौत हो गई। जबकि मात्र एक यात्री जीवित बच पाया। इस हादसे में 270 से अधिक लोगों की मौत हुई।