- Hindi News
- Opinion
- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Family Is A Great Protector For Mothers And Sisters
3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
पं. विजयशंकर मेहता
भारत की परिवार-व्यवस्था पर दुनिया के कई देश और हमारे देश में भी कई लोग बहुत सोच-समझकर आक्रमण कर रहे हैं। उनका लक्ष्य हमारी माताएं-बहनें हैं। पश्चिम में स्त्री को जो स्वतंत्रता दी गई, उसकी तुलना भारत की माताओं-बहनों के पारिवारिक जीवन से की जाती है।
जबकि पश्चिम में स्त्रियों को जितनी स्वतंत्रता दी गई, उतना उनका शोषण भी किया गया। हमारे देश में परिवार माताओं-बहनों के लिए बहुत बड़ा संरक्षक है। कुछ लोग हमारे परिवारों में बेटा-बेटी, पति-पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन- इन रिश्तों के बीच जेंडर-प्रॉब्लम डाल रहे हैं।
जबकि भारतीय पारिवारिक परम्परा में सीता जी को इतनी स्वतंत्रता थी कि वे स्वयं निर्णय लें वनवास जाएं या न जाएं। रुकमणी जी को बोलने की खूब स्वतंत्रता थी। हमें सावधान रहना चाहिए। माताओं-बहनों को बहकाया जा रहा है कि परिवार-व्यवस्था उन पर अंकुश है। और इसीलिए कुछ माताएं-बहनें स्वतंत्रता को स्वच्छंदता में बदल रही हैं। आधुनिकता के नाम पर हो रहे आक्रमण से सावधान हो जाइए।