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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column If The Combination Of Old And Young Is Right Then Development Will Be Holistic
2 घंटे पहले
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पं. विजयशंकर मेहता
विवेकानंद जी अत्यंत प्रतिभाशाली थे, किंतु वे जान गए थे कि अनुभव की कमी है, जो गुरु रामकृष्ण परमहंस से ही मिल सकता है। परमहंस अद्भुत अनुभवी थे, लेकिन विवेकानंद जैसे प्रतिभाशाली, शक्तिशाली और सक्रिय नहीं थे।
हमारे इतिहास के ये दो व्यक्ति एक बात सिखाते हैं कि बुजुर्गों से युवाओं को कुछ ऐसा ले लेना चाहिए, जो उन्हें उस उम्र में तो नहीं मिल सकता। और वृद्धों को भी युवाओं के साथ ऐसा तालमेल बैठाना चाहिए कि बुढ़ापे में जो भी कुछ आप दे सकते हैं, वो दे दें।
बहुत सारी संस्थाएं सेवा के क्षेत्र से जुड़ी हैं। एक नया सेवा का क्षेत्र चुनौती बनकर सामने आ रहा है। और वो यह कि बुजुर्गों की देखभाल करने में अब परिवार थकने लग गए हैं। दो कारणों से- एक तो धन नहीं है, दूसरा धैर्य नहीं है। वृद्धाश्रम खोलने से काम नहीं चलेगा।
घर-घर में जाग्रति लानी पड़ेगी। नई पीढ़ी को समझाना पड़ेगा कि धैर्य के साथ अपनी जड़ों की सेवा करें। जिस देश में वृद्ध और युवा का कॉम्बिनेशन ठीक हो गया, उसका विकास समग्र होगा।