भारतीय रेलवे ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने और तस्करी रोकने के लिए कई अहम फैसला लेने जा रही है। अब रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा का जिम्मा प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी कर रही है। ट्रायल के तौर पर रेलवे दो स्टेशनों पर यह व्यवस्था लागू करने जा रहा है। इन दोनों के सफल ट्रायल के बाद ही अन्य स्टेशनों पर इसे लागू किया जाएगा। रेलवे हरियाणा व पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन और लखनऊ का गोमतीनगर स्टेशन को पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया है।
इन दोनों स्टेशनों पर सीसीटीवी निगरानी, रिकॉर्डिंग प्रणाली निजी कंपनी के हाथ होगी। इसी तरह बैगेज स्कैनर भी निजी हाथों में होगा, जिसके लिए निजी कंपनी द्वारा अपने स्तर पर व्यवस्था बनाई जाएंगी। जानकारी के अनुसार, इसके अलावा दो जोन और मंडल में अधिकारियों का दखल इन दोनों स्टेशनों पर सीमित हो जाएगा। यहां तक कि टेंडरों की सभी शक्तियां भी रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरएलडीए) ही करेगी। सुरक्षा सहित तमाम टेंडरों के लिए प्राइवेट कंपनियों से ही आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।
दरअसल, रेलवे पहले भी कई सुविधाओं को आउटसोर्स कर चुका है। इसमें हाउसकीपिंग, कैटरिंग से लेकर कई तरह की सुविधाएं हैं, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। इसका लाभ भी देखने को मिल रहा है। रेलवे इसी तरह का प्रयोग सुरक्षा व्यवस्था को लेकर करने जा रहा है। स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी सुरक्षा व्यवस्था की जाने की तैयारी है। यहां भी एयरपोर्ट की तर्ज पर गार्ड तैनात रहेंगे जो सामान और यात्रियों की चेकिंग करेंगे। रेलवे ने यह कदम ट्रेनों में तस्करी रोकने के लिए कदम उठाया है। हाल ही में मुंबई में 36 करोड़ की तस्करी पकड़ी गयी थी।
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निजी गार्डो की सुरक्षा में होगी तैनाती
निजी गार्डों की सुरक्षा में तैनाती से आरपीएफ के जवानों की उन जगहों पर तैनाती की जाएगी, जहां सबसे ज्यादा जरूरत है। निजी गार्डों की तैनाती ट्रेनों में लाइन लगाने और अन्य बाहरी कामों के लिए किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि,इन दो शहरों के पायलट प्रोजेक्ट के रिजल्ट आने के बाद देश के ऐसे स्टेशनों पर यह व्यवस्था लागू की जा सकती है, जहां पर रोजाना चलने वाले यात्रियों और ट्रेनों की संख्या अधिक है। इसमें दिल्ली, मुंबई, पटना, सूरत, अहमदाबाद, लखनऊ, भोपाल, बेंगलुरु, चेन्नई, प्रयागराज, कानपुर शामिल हो सकते हैं।
आरएलडीए के जिम्मे होगा ये सब कुछ
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन नगर हो या फिर गोमतीनगर स्टेशन इनके इलेक्ट्रिकल विंग एस्केलेटर, लिफ्ट, एयर कंडीशनर, लाइटिंग, ट्रेन के डिसप्ले बोर्ड, यात्री सुविधाओं के डिस्प्ले बोर्ड आदि के टेंडर मंडल स्तर पर ही होते थे। अब इनके टेंडर आरएलडीए करेगा। इसके अलावा इंजीनियरिंग, सिग्नल विभाग के अधिकारियों के अधीन स्टेशन पर टाइल्स, निर्माण कार्य भी आरएलडीए के हवाले किए जाएंगे। इसी तरह ऑपरेटिंग विभाग के जिम्मे पार्किंग, कैटरिंग, सफाई जैसे तमाम कार्य थे जिनका मंडल स्तर से अधिकार वापस ले लिया जाएगा। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की भी स्टेशन पर तैनाती होगी। अपराध पर एफआइआर दोनों एजेंसियां पहले की तरह दर्ज करेंगी।
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रेलवे बोर्ड के सूत्रों की मानें, तो अभी तक नौ साल तक आरएलडीए के हवाले चंडीगढ़ और गोमती नगर स्टेशन करने का निर्णय लिया है। कार्यकाल तीन साल और बढ़ाया भी जा सकता है। रेलवे के अधीन ट्रेनों का संचालन मंडल और जोन स्तर पर पहले की तरह होगा। पालिसी में स्पष्ट कर दिया गया है कि मंडल स्तर पर ही कर्मचारियों की तैनाती होगी। पार्सल, ढुलाई, ओएचई तार, टिकटों की बिक्री, आरक्षण केंद्र, टिकट वापसी, ट्रेनों में खानपान, मरम्मत, रखरखाव, ट्रेनों में पानी भरने, लोको ईंधन भरना आदि कार्य पहले की तरह रेलवे के अधीन ही रहेंगे। जबकि एयरपोर्ट तर्ज पर सुविधाएं, उद्घोषणा और यात्रियों की सुविधाएं और रखरखाव पर आरएलडीए फोकस करेगा। इन स्टेशनों पर फूड प्लाजा, माल जैसी सुविधा होंगी। सफाई, सुरक्षा बेहतर हो, इसके लिए कंपनियों को टेंडर दिए जाएंगे, जबकि पार्किंग में भी बदलाव किया जा सकता है।