अमेरिका ने भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत उसका महत्वपूर्ण रणनीतिक सहयोगी है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने नियमित प्रेस ब्रीफिंग में भारतीय समाचार एजेंसी एएनआई के सवाल के जवाब में यह बात कही। उनसे पूछा गया था कि हिंद-प्रशांत में चीन की बढ़ती भूमिका को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप किस तरह देखते हैं।
इस पर लेविट ने कहा, भारत हिंद-प्रशांत में हमारा बेहद महत्वपूर्ण रणनीति सहयोगी है और राष्ट्रपति ट्रंप के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बेहद घनिष्ठ संबंध हैं और यह संबंध आगे भी बने रहेंगे।
व्हाइट हाउस का यह बयान इस मायने में महत्वपूर्ण है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद से अमेरिका के साथ भारत के संबंधों में कुछ खटास आई है। खासकर राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से बार-बार युद्ध विराम का श्रेय लिए जाने से भारत सरकार में नाराजगी है क्योंकि खुद पीएम मोदी कह चुके हैं कि इस संघर्ष में किसी स्तर पर किसी तीसरे देश ने कोई मध्यस्थता नहीं की। वहीं, ट्रंप ने पिछले दिनों व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना के जनरल आसिम मुनीर को दोपहर के भोज पर आमंत्रित किया। इससे भी भारत में ट्रंप प्रशासन की मंशा को लेकर सवाल खड़े हुए हैं।
भारत के साथ व्यापार समझौते पर भी दी जानकारी
इस दौरान व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट से जब यह पूछा गया कि क्या भारत के साथ व्यापार समझौता करीब है और यह जल्द ही हो सकता है। इस पर उन्होंने कहा कि हां यह सच है। हम भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर बहुत करीब हैं। बीचे सप्ताह राष्ट्रपति ट्रंप ने भी इसकी घोषणा की थी। लेविट ने कहा कि मैंने अभी-अभी हमारे वाणिज्य सचिव से इस बारे में बात की है। वे राष्ट्रपति के साथ ओवल ऑफिस में थे। वे इन समझौतों को अंतिम रूप दे रहे हैं, और जब भारत की बात आएगी तो आप बहुत जल्द राष्ट्रपति और उनकी व्यापार टीम से सुनेंगे।
ट्रंप ने की थी घोषणा
गौरतलब है कि बीते सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वे भारत के साथ एक बड़ा समझौता करना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा था कि हम भारत के साथ डील की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। अभी वहां व्यापार करना काफी सीमित है। आप वहां आसानी से व्यापार नहीं कर सकते। हम ऐसी डील चाहते हैं जिसमें सभी व्यापारिक बाधाएं हट जाएं। बता दें कि दोनों देश नौ जुलाई से पहले समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश में हैं। अमेरिका ने दो अप्रैल को घोषित टैरिफ दरों को नौ जुलाई तक के लिए निलंबित कर रखा है।
भारत और अमेरिका के बीच समझौते पर अंतिम बातचीत
गौरतलब है कि फिलहाल भारत और अमेरिका के बीच इस समझौते को लेकर अंतिम बातचीत चल रही है। यह बातचीत ऐसे समय हो रही है जब 90 दिन की टैरिफ छूट की अवधि 9 जुलाई को खत्म होने वाली है। सूत्रों के अनुसार, अमेरिका चाहता है कि भारत अमेरिकी कृषि और डेयरी उत्पादों पर टैक्स कम करे और जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएमओ) फसलों के लिए बाजार खोले।
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भारत के लिए कृषि क्षेत्र में अमेरिका को शुल्क रियायतें देना कठिन
लेकिन व्यापार वार्ता से जुड़े सूत्रों के अनुसार, भारत के लिए कृषि और दुग्ध क्षेत्र में अमेरिका को शुल्क रियायतें देना कठिन है। भारत ने अब तक हस्ताक्षरित किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में दुग्ध क्षेत्र को नहीं खोला है। अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, मोटर वाहन विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहनों, वाइन, पेट्रोरसायन उत्पादों, दुग्ध तथा कृषि उत्पादों तथा आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों पर शुल्क रियायत चाहता है।
वहीं, भारत कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में अमेरिका से शुल्क रियायत मांग रहा है। इसको लेकर भारत सरकार ने साफ किया है कि भारत के राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और कोई भी समझौता तभी होगा जब वह देश और किसानों के हित में होगा।
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