2 दिन पहले
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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
जाकर पूछो, मैं दावा करता हूं अगर वो ‘मम्माज़ बॉय’ बाहर जाने के लिए हां कह दे’ कॉलेज कैंपस के पास सड़क किनारे चलते हुए मैंने दो लोगों की ये बातचीत सुनी, जहां वे एक युवा की ओर इशारा करते हुए उसके नाम से उसका विवरण समझा रहे थे।
वे लोग उसे ताना मार रहे थे (कह सकते हैं कि उसका अपमान कर रहे थे) कि पोस्ट ग्रेजुएट होने के बाद भी वो अपनी मां की मर्जी के बिना एक इंच भी नहीं हिलेगा। वो भी ज्यादा दूर नहीं था कि कमेंट सुनाई न दे। पर वो वहां से हिला नहीं। उसने ऑटोरिक्शा रुकवाया और चला गया। और फिर खिल्ली उड़ा रहे युवकों में से एक ने कहा, ‘देखा?’
इससे मुझे एक अमेरिकी शो “जियोपार्डी’ के हालिया एपिसोड की याद आ गई। यह क्विज प्रोग्राम कौन बनेगा करोड़पति की तर्ज पर खेला जाता है, जहां इसके होस्ट केन जेनिंग्स प्रतिभागियों का परिचय कुछ इसी तरह इंसल्ट करते हुए देते हैं। असल में एपिसोड शुरू होने से पहले प्रतिभागी खुद होस्ट से ऐसा करने का आग्रह करते हैं।
केन ने 27 वर्षीय ब्रेंडन लिया का परिचय ‘रीसेंट ग्रेजुएट एंड स्टे-एट-होम सन’ के तौर पर दिया। ‘स्टे-एट-होम सन’, साल 2007 में डिक्शनरी में अपमानस्वरूप शब्द के रूप में जुड़ा, जिसका मतलब होता है, बिना मोटिवेशन के घर पर रहने वाला बच्चा। ब्रेंडन ने शुरुआत से जियोपार्डी शो को उसी तरह देखा, जैसे बाकी कॉलेज जाने वाले बच्चे देखते थे।
चूंकि ब्रेंडन को सभी सवालों के जवाब पता होते थे, इसलिए उसने लक्ष्य बनाया कि वह शो पर जाएगा और रकम जीत लेगा। इसमें शामिल होने के इच्छुक प्रतिभागियों को 50 प्रश्नों के साथ एक ऑनलाइन टेस्ट देना होता है। पास होने पर 50 प्रश्नों का एक और ऑनलाइन टेस्ट होता है, फिर ऑडिशन होता है।
इसके बाद दूसरे संभावित प्रतिभागियों के साथ मॉक गेम होते हैं और इसके बाद प्रोड्यूसर्स के पास उन प्रतिभागियों को फोन करने और शो पर बुलाने के लिए 18 महीने का समय होता है। ब्रेंडन ने 2018 में पहली बार ऑडिशन दिया था। इसके बाद 2021 और फिर 2023 के अंत में। उन्हें चार हफ्ते पहले कॉल आया और उन्होंने इस दौरान बजर के साथ जितना हो सकती थी, उतनी जमकर तैयारी की।
पिछले हफ्ते उनका एपिसोड प्रसारित हुआ, जिसमें वह जियोपार्डी के विजेता घोषित किए गए। ब्रेंडन ने राजनीति विज्ञान में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है और पिछले हफ्ते प्रसारित तीन कॉन्टेस्ट में 59,398 डॉलर (51 लाख रु.) जीते, जहां उसने अपने ज्ञान का प्रदर्शन करते हुए मध्य काल के इतिहास से लेकर पॉप म्यूजिक तक के सवालों के सही जवाब दिए।
खुद का उपहास करने वाले उसके हास्य ने उसे सोशल मीडिया पर रातों-रात प्रसिद्ध बना दिया और लोग कह रहे हैं कि वह बहुत हद तक उनके सपने को जी रहा है, भले ही वह बेरोजगार है और अपने माता-पिता के साथ रहता है। अमेरिकी संस्कृति में 18 साल की उम्र के बाद माता-पिता के साथ रहना अप्रत्यक्ष रूप से अपमान माना जाता है, जो यह दर्शाता है कि वह खुद के पैरों पर खड़ा नहीं हो सकता।
ब्रेंडन की सबसे अच्छी बात यह है कि उसके बारे में कोई भी नकारात्मक टिप्पणी उसे प्रभावित नहीं करती। उसका मानना है कि उसे जीवन भर पढ़ी गई किताबों, देखे गए टीवी, फिल्मों, समाचारों पर ध्यान देकर अर्जित ज्ञान को भुनाना चाहिए। इससे मुझे मेरे कॉलेज के दिनों की भी याद आ गई। कॉलेज में लोग मुझे “अन्ना” कहकर बुलाते थे। कई दिनों तक मैं गुस्से में रहता था। जो लड़के मुझे चिढ़ाते थे, वे दक्षिण के नहीं थे और उस समय यह शब्द ‘मद्रासी’ का पर्याय था।
मेरी मां ने एक बार कहा, जब भी तुम ‘अन्ना’ सुनो, गर्व महसूस करो और उस व्यक्ति से कहो “हां बोलो थंबी” (अन्ना का मतलब बड़ा भाई और थंबी का मतलब छोटा भाई होता है)। जब मुझे मेरी पहली नौकरी मिली और मैंने मुंबई में तत्कालीन प्रधानमंत्री का इंटरव्यू लिया, तो उसी ‘अन्ना’ शब्द की टोन सम्मानजनक हो गई और मेरे नाम में गर्व जोड़ दिया।
फंडा यह है कि कॉलेज जाने वाले अधिकांश युवाओं को उनके दोस्त या दुश्मन, कोई न कोई नाम जरूर देते हैं। अगर यह आपको अपमान जैसा लगता है, तो धैर्य रखें, सफलता की ओर बढ़ें और वे उपलब्धियां उन्हीं तथाकथित अपमानजनक शब्दों को गर्व में बदल देंगी।